1 अक्तूबर 2016

कामाख्या मन्त्रम

भगवती कामाख्या मूल शक्ति हैं , जो सभी साधनाओं का मूल हैं ।


॥ ऊं ऎं ह्रीं क्लीं कामाख्यायै स्वाहा ॥

सामान्य निर्देश :-
साधनाएँ इष्ट तथा गुरु की कृपा से प्राप्त और सिद्ध होती हैं |
इसके लिए कई वर्षों तक एक ही साधना को करते रहना होता है |
साधना की सफलता साधक की एकाग्रता और उसके श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करता है |
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विधि :-
जाप ..माला से किया जाये तो श्रेष्ट है ना हो तो रुद्राक्ष की माला सभी कार्यों के लिए स्वीकार्य  है |



जाप के पहले दिन हाथ में पानी लेकर संकल्प करें " मै (अपना नाम बोले), आज अपनी (मनोकामना बोले) की पूर्ती के लिए यह मन्त्र जाप कर रहा/ रही हूँ | मेरी त्रुटियों को क्षमा करके मेरी मनोकामना पूर्ण करें " | इतना बोलकर पानी जमीन पर छोड़ दें |



दिशा उत्तर/ पूर्व की और देखते हुए बैठें |
आसन लाल/पीले रंग का रखें|
जाप रात्रि 9 से सुबह 4 के बीच करें|
यदि अर्धरात्रि जाप करते हुए निकले तो श्रेष्ट है |
जाप के दौरान किसी को गाली गलौच / गुस्सा/ अपमानित ना करें|
किसी महिला ( चाहे वह नौकरानी ही क्यों न हो ) का अपमान ना करें |
सात्विक आहार/ आचार/ विचार रखें |
ब्रह्मचर्य का पालन करें |
 

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