- छह मुखी रुद्राक्ष साक्षात् कार्तिकेय भगवान् का प्रतिक है.
- यह प्रशासनिक कौशल्य देता है .
- यह शत्रुओं के निवारण के लिए अति लाभ दायक होने के कारण शत्रुंजय रुद्राक्ष भी कहलाता है .
एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
पाँच मुखी रुद्राक्ष
पञ्च मुखी रुद्राक्ष सहजता से मिल जाता है।
यह पंच देवों का स्वरूप है ।
शिवकृपा देता है ।
उच्च रक्तचाप HIGH BP में लाभदायक है ।
शिवरात्रि या किसी सोमवार को 1008 बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप कर धारण करने से रक्षा कवच का काम करता है . इसे पहनने से नजर/तंत्र /टोटका से रक्षा मिलती है .
अमावस्या, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी , शिवरात्रि या किसी सोमवार को अपने सामने चौकी मे इसे रखकर 1008 बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप बेलपत्र या पुष्प चढ़ाते हुए करे। इसे अपने वाहन मे रखें । दुर्घटनाओं मे रक्षा प्रदान करेगा ।
किसी को ऊपरी बाधा लग रही हो तो हनुमानजी को चोला चढ़ाने के समय पांचमुखी रुद्राक्ष उनके चरणों के पास रखें । हनुमान चालीसा का 11 पाठ करें । हर पाठ के बाद उनके बाएँ पांव से सिंदूर लेकर रुद्राक्ष पर लगाएँ । फिर पीड़ित को पहना दें । और फिर से 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें । लाभ होगा ।
घर की रक्षा के लिए पाँच मुखी रुद्राक्ष के 11 दाने ले लें । उसे कटोरी मे गंगा जल मे डूबा दें । 1008 बार " ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः ॐ " मंत्र का जाप करें । हर दिन जल बदल देंगे । पहले दिन के जल को घर मे छिड़क देंगे । 11 दिन तक नित्य ऐसा करें । 11 दिन के बाद सफ़ेद या लाल कपड़े मे बांधकर घर के मुख्य द्वार के ऊपर लटका दें । रोज धूप दिखाते रहें ।
इसे साथ मे रखने से ही बहुत सारी नकारात्मक शक्तियाँ भाग जाती हैं ।
रुद्राक्ष : असली या नकली
रुद्राक्ष लेते समय सबसे ज्यादा संशय की बात होती है कि रुद्राक्ष असली है या नहीं है । हम कितने शुद्ध हैं यह पहले सोचना चाहिए लेकिन वह कोई नहीं सोचता .....
खैर....
रुद्राक्ष की फ़ार्मिंग होनी शुरू हो चुकी है इसलिए अब ये आसानी से उपलब्ध हैं । आज के युग में 100% शुद्धता की बात करना बेमानी है ।
ऑनलाइन में कई प्रकार के सर्टिफाइड रुद्राक्ष भी उपलब्ध है । उनमें से भी कई नकली हो सकते हैं, ऐसी स्थिति में मेरे विचार से आप किसी प्रामाणिक गुरु से या आध्यात्मिक संस्थान से रुद्राक्ष प्राप्त करें तो ज्यादा बेहतर होगा ।
आप चाहें तो सद्गुरु जग्गी वसुदेव की संस्था ईशा फाउंडेशन से ऑनलाइन मंगा सकते हैं ।
website
https://www.ishalife.com/in/rudraksha
उनके पास कई प्रकार के रूद्राक्ष और रुद्राक्ष मालाएँ उपलब्ध है । उनमें से दो मुझे बहुत बढ़िया लगे ।
पहला चौदह साल से छोटे बच्चों के लिए पढ़ाई में सहायक 6 मुखी रुद्राक्ष और दूसरा सुखी विवाहित जीवन के लिए द्विमुखी रुद्राक्ष ....
और भी हैं जिसे आप अपनी इच्छानुसार ले सकते हैं
उसी वेब साइट पर रुद्राक्ष के रखरखाव के विषय मे भी अच्छी जानकारी दी गयी है ।
https://www.ishalife.com/in/hi/the-rudraksha-guide
रुद्राक्ष : एक अद्भुत आध्यात्मिक फल
रुद्राक्ष दो शब्दों से मिलकर बना है रूद्र और अक्ष ।
रुद्र = शिव, अक्ष = आँख
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के आंखों से गिरे हुए आनंद के आंसुओं से रुद्राक्ष के फल की उत्पत्ति हुई थी ।
रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक पाए जाते हैं ।
रुद्राक्ष साधकों के लिए एक महत्वपूर्ण चीज है लगभग सभी साधनाओं में रुद्राक्ष की माला को स्वीकार किया जाता है एक तरह से आप इसे माला के मामले में ऑल इन वन कह सकते हैं
अगर आप तंत्र साधनाएं करते हैं या किसी की समस्या का समाधान करते हैं तो आपको रुद्राक्ष की माला अवश्य पहननी चाहिए ।
यह एक तरह की आध्यात्मिक बैटरी है जो आपके मंत्र जाप और साधना के द्वारा चार्ज होती रहती है और वह आपके इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बनाकर रखती है जो आपकी रक्षा तब भी करती है जब आप साधना से उठ जाते हैं और यह रक्षा मंडल आपके चारों तरफ दिनभर बना रहता है ।
पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे सुलभ और सस्ते होते हैं । जैसे जैसे मुख की संख्या कम होती जाती है उसकी कीमत बढ़ती जाती है । एक मुखी रुद्राक्ष सबसे दुर्लभ और सबसे महंगे रुद्राक्ष है । इसी प्रकार से पांच मुखी रुद्राक्ष के ऊपर मुख वाले रुद्राक्ष की मुख की संख्या के हिसाब से उसकी कीमत बढ़ती जाती है । 21 मुखी रुद्राक्ष भी बेहद दुर्लभ और महंगे होते हैं ।
पांच मुखी रुद्राक्ष सामान्यतः हर जगह उपलब्ध हो जाता है और आम आदमी उसे खरीद भी सकता है पहन भी सकता है । पाँच मुखी रुद्राक्ष के अंदर भी आध्यात्मिक शक्तियों को समाहित करने के गुण होते हैं ।
गृहस्थ व्यक्ति , पुरुष या स्त्री , पांच मुखी रुद्राक्ष की माला धारण कर सकते हैं और अगर एक दाना धारण करना चाहे तो भी धारण कर सकते हैं ।
रुद्राक्ष की माला से बीपी में भी अनुकूलता प्राप्त होती है
रुद्राक्ष पहनने के मामले में सबसे ज्यादा लोग नियमों की चिंता करते हैं ।
मुझे ऐसा लगता है कि जैसे भगवान शिव किसी नियम किसी सीमा के अधीन नहीं है, उसी प्रकार से उनका अंश रुद्राक्ष भी परा स्वतंत्र हैं । उनके लिए किसी प्रकार के नियमों की सीमा का बांधा जाना उचित नहीं है
रुद्राक्ष हर किसी को सूट नहीं करता यह भी एक सच्चाई है और इसका पता आपको रुद्राक्ष की माला पहनने के महीने भर के अंदर चल जाएगा । अगर रुद्राक्ष आपको स्वीकार करता है तो वह आपको अनुकूलता देगा ।
आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा आपको अपने शरीर में ज्यादा चेतना में महसूस होगी......
आप जो भी काम करने जाएंगे उसमें आपको अनुकूलता महसूस होगी ....
ऐसी स्थिति में आप रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं वह आपके लिए अनुकूल है !!!
इसके विपरीत स्थितियाँ होने से आप समझ जाइए कि आपको रुद्राक्ष की माला नहीं पहननी है ।
इसके बाद सबसे ज्यादा संशय की बात होती है कि रुद्राक्ष असली है या नहीं है । आज के युग में 100% शुद्धता की बात करना बेमानी है । ऑनलाइन में कई प्रकार के सर्टिफाइड रुद्राक्ष भी उपलब्ध है । उनमें से भी कई नकली हो सकते हैं, ऐसी स्थिति में मेरे विचार से आप किसी प्रामाणिक गुरु से या आध्यात्मिक संस्थान से रुद्राक्ष प्राप्त करें तो ज्यादा बेहतर होगा ।
तमिलनाडु में कोयंबटूर नामक स्थान पर सद्गुरु के नाम से लोकप्रिय आध्यात्मिक संत जग्गी वासुदेव जी के द्वारा ईशा फाउंडेशन नामक एक संस्था की स्थापना की गई है । जो आदियोगी अर्थात भगवान शिव के गूढ़ रहस्यों को जन जन तक पहुंचाने के लिए निरंतर गतिशील है । उनके द्वारा एक अद्भुत और संभवतः विश्व के सबसे बड़े पारद शिवलिंग की स्थापना भी की गई है । यही नहीं एक विशालकाय आदियोगी भगवान शिव की प्रतिमा का भी निर्माण किया गया है , जिसके प्रारंभ के उत्सव में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी उपस्थित थे ।
ईशा फाउंडेशन के द्वारा कुछ विशेष अवसरों पर निशुल्क प्राण प्रतिष्ठित रुद्राक्ष भी उपलब्ध कराए जाते हैं जैसा कि शिवरात्रि के अवसर पर इस वर्ष किया गया था ।
इसके अलावा रुद्राक्ष की छोटे मनको वाली और बड़े मनको वाली माला जोकि सदगुरुदेव द्वारा प्राण प्रतिष्ठित होती है, वह आप ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं । ज्यादा जानकारी के लिए आप ईशा फाउंडेशन गूगल में सर्च करके देख सकते हैं ।
उनकी वेबसाइट का एड्रेस है .
चमत्कारी फल दायक : गौरी शंकर रुद्राक्ष
गौरीशंकर रुद्राक्ष मे रुद्राक्ष के दो दाने प्रकृतिक रूप से जुड़े हुये होते हैं । यह सामान्य रुद्राक्ष से महंगा होता है और आंवले के बराबर के दाने लगभग ग्यारह बारह हजार रुपए के आसपास मिलते हैं । इसके छोटे दाने कम कीमत मे भी उपलब्ध होते हैं । आप अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार इसे पहन सकते हैं ।
गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनने के लाभ :-
अकाल मृत्यु नहीं होती है ।
आरोग्य प्रदान करता है ।
उच्च श्रेणी की परीक्षा के स्टूडेंट के लिए बहुत कारगर होता है । जो नौकरी के लिए विशेष एग्जाम मे बैठते हैं उनके लिए भी गौरीशंकर रुद्राक्ष बहुत अच्छा काम करता है ।
वैवाहिक जीवन मे जो पति-पत्नी के बीच की प्रॉब्लम होती है या पुरुषों में जो कमजोरी आती है उसके लिए भी सिद्ध गौरी शंकर रुद्राक्ष काम करता है । अगर पति पत्नी दोनों गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करते हैं तो पति पत्नी के संबंध बहुत मधुर रहते है ।
गौरी शंकर रुद्राक्ष, पहने वाले व्यक्ति को सदा मुकदमों,कोर्ट कचहरी से, विवादों से बचा लेता है ।
मानसिक रोग, मिर्गी के दौरे पड़ना, बुरे स्वप्न देखना, बेवजह गुस्सा आना, स्त्रियों में अजीब सा व्यवहार, हर वक्त एक अंजाना डर बैठा रहना, बहुत ज्यादा सोचते रहना आदि समस्याओं मे गौरी शंकर रुद्राक्ष जबर्दस्त अनुकूलता प्रदान करता है ।
आध्यात्मिक साधकों के लिए यह साधना की सफलता मे सहायक होता है । साधना और साधक के बीच में सेतु के रूप मे गौरी शंकर रुद्राक्ष बहुत काम आता है । गौरीशंकर रुद्राक्ष पहनकर मंत्र जाप करने से जल्दी अनुभव और अनुकूलता मिलती है ।
यदि आप मेरे गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी द्वारा विशेष रूप से अभिमंत्रित किए गए गौरीशंकर रुद्राक्ष प्राप्त करना चाहते हों तो आप नीचे लिखे नंबर पर उनके शिष्य मुकेश जी से संपर्क कर सकते हैं :-
श्री मुकेश,
निखिलधाम,भोपाल
99266-70726
चमत्कारी फल दायक : गौरी शंकर रुद्राक्ष
गौरीशंकर रुद्राक्ष मे रुद्राक्ष के दो दाने प्रकृतिक रूप से जुड़े हुये होते हैं । यह सामान्य रुद्राक्ष से महंगा होता है और आंवले के बराबर के दाने लगभग ग्यारह बारह हजार रुपए के आसपास मिलते हैं । इसके छोटे दाने कम कीमत मे भी उपलब्ध होते हैं । आप अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार इसे पहन सकते हैं ।
गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनने के लाभ :-
अकाल मृत्यु नहीं होती है ।
आरोग्य प्रदान करता है ।
उच्च श्रेणी की परीक्षा के स्टूडेंट के लिए बहुत कारगर होता है । जो नौकरी के लिए विशेष एग्जाम मे बैठते हैं उनके लिए भी गौरीशंकर रुद्राक्ष बहुत अच्छा काम करता है ।
वैवाहिक जीवन मे जो पति-पत्नी के बीच की प्रॉब्लम होती है या पुरुषों में जो कमजोरी आती है उसके लिए भी सिद्ध गौरी शंकर रुद्राक्ष काम करता है । अगर पति पत्नी दोनों गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करते हैं तो पति पत्नी के संबंध बहुत मधुर रहते है ।
गौरी शंकर रुद्राक्ष, पहने वाले व्यक्ति को सदा मुकदमों,कोर्ट कचहरी से, विवादों से बचा लेता है ।
मानसिक रोग, मिर्गी के दौरे पड़ना, बुरे स्वप्न देखना, बेवजह गुस्सा आना, स्त्रियों में अजीब सा व्यवहार, हर वक्त एक अंजाना डर बैठा रहना, बहुत ज्यादा सोचते रहना आदि समस्याओं मे गौरी शंकर रुद्राक्ष जबर्दस्त अनुकूलता प्रदान करता है ।
आध्यात्मिक साधकों के लिए यह साधना की सफलता मे सहायक होता है । साधना और साधक के बीच में सेतु के रूप मे गौरी शंकर रुद्राक्ष बहुत काम आता है । गौरीशंकर रुद्राक्ष पहनकर मंत्र जाप करने से जल्दी अनुभव और अनुकूलता मिलती है ।
यदि आप मेरे गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी द्वारा विशेष रूप से अभिमंत्रित किए गए गौरीशंकर रुद्राक्ष प्राप्त करना चाहते हों तो आप नीचे लिखे नंबर पर उनके शिष्य मुकेश जी से संपर्क कर सकते हैं :-
श्री मुकेश,
निखिलधाम,भोपाल
99266-70726
सर्व विध रक्षा और उन्नति के लिए : दस महाविद्या कवच
जीवन की लगभग हर समस्या का समाधान पाने का सहयोगात्मक उपाय उससे संबन्धित साधनाओं से किया जा सकता है जो कि सदगुरु के पास से प्राप्त होता और सर्वश्रेष्ठ होता है ।
गृहस्थ व्यक्ति के लिए साधना करना कई बार संभव नहीं होता ऐसी स्थिति मे जब गुरु प्रसन्न होते हैं तो वे ऐसे दुर्लभ और विशिष्ट उपाय की सृष्टि भी कर देते हैं जो हर समस्या मे काम करता है ।
ऐसा ही एक उपाय है दस महाविद्या कवच !
यह एक अत्यंत छोटा सा और प्रभावशाली कवच है जो चाँदी मे बना हुआ है । इसे गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी ने श्री महाकाल चक्र मण्डल के मंत्रों से इस प्रकार संगुफित किया है कि यह कम से कम गुरु की एक महादशा अर्थात लगभग 15-16 वर्ष तक प्रभावी रहेगा.....
तंत्र के क्षेत्र मे दस महाविद्याओं को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है । किसी एक महाविद्या के मंत्रों से सिद्ध किया गया कवच अद्भुत और शक्तिशाली बन जाता है ।
आप स्वयं कल्पना करें कि यदि कोई ऐसा कवच बनाया जाये, जिसे दसों महाविद्याओं से संबन्धित मंत्रों के द्वारा सिद्ध किया गया हो तो उसकी शक्ति कितनी प्रचंड होगी । वह भी एक ऐसे प्रचंड गुरु के द्वारा जिसने स्वयं दस महाविद्याओं की साधना की हुई हो .....
पूज्य गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी ने हिमालय की तराई मे पाई जाने वाली दस महाविद्याओं से संबन्धित गोपनीय तांत्रिक औषधियों के माध्यम से अभिमंत्रित करके दस महाविद्या कवच का निर्माण किया है ।
आप चाहें तो इस अतिविशिष्ट कवच के विषय मे जानकारी/प्राप्त करने के लिए गुरुदेव के प्रिय शिष्य श्री प्रशांत पांडे जी से निम्नलिखित नंबर पर संपर्क कर सकते हैं ।
श्री प्रशांत पांडे [दिल्ली]
मोबाइल - 8800458271
आपकी जानकारी के लिए दस महाविद्याये और उनकी साधना से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं :-
2 - तारा महाविद्या = सर्व संकट निवारण, आर्थिक उन्नति, विद्या प्राप्ति !
3. त्रिपुर सुंदरी महाविद्या = सौन्दर्य , सुखद वैवाहिक जीवन, भोग और मोक्ष की प्राप्ति !
4. भुवनेश्वरी महाविद्या = आत्म ज्ञान, स्वस्थ्य और ऊर्जा , संतान प्राप्ति !
5. त्रिपुर भैरवी महाविद्या = इतर योनि बाधा , डर व भय से मुक्ति, शत्रुओं से मुक्ति !
7. धूमावती महाविद्या = गूढ रहस्यों का ज्ञान, संकट और न्यूनताओं का निवारण ।
8. बगलामुखी महाविद्या = शत्रुओं का स्तंभन और समूल नाश, वाक्पटुता, उत्तम स्वस्थ्य !
9. मातंगी महाविद्या = विद्या, बुद्धि, संगीत व कला का विकास ।
10. कमला महाविद्या = आर्थिक लाभ , ऋण मुक्ति, व्यापार वृद्धि, नौकरी में उन्नति, ऐश्वर्य और समृद्धि !
चमत्कारी फल दायक : गौरी शंकर रुद्राक्ष
गौरीशंकर रुद्राक्ष मे रुद्राक्ष के दो दाने प्रकृतिक रूप से जुड़े हुये होते हैं । यह सामान्य रुद्राक्ष से महंगा होता है और आंवले के बराबर के दाने लगभग ग्यारह बारह हजार रुपए के आसपास मिलते हैं । इसके छोटे दाने कम कीमत मे भी उपलब्ध होते हैं । आप अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार इसे पहन सकते हैं ।
गौरी शंकर रुद्राक्ष पहनने के लाभ :-
अकाल मृत्यु नहीं होती है ।
आरोग्य प्रदान करता है ।
उच्च श्रेणी की परीक्षा के स्टूडेंट के लिए बहुत कारगर होता है । जो नौकरी के लिए विशेष एग्जाम मे बैठते हैं उनके लिए भी गौरीशंकर रुद्राक्ष बहुत अच्छा काम करता है ।
वैवाहिक जीवन मे जो पति-पत्नी के बीच की प्रॉब्लम होती है या पुरुषों में जो कमजोरी आती है उसके लिए भी सिद्ध गौरी शंकर रुद्राक्ष काम करता है । अगर पति पत्नी दोनों गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करते हैं तो पति पत्नी के संबंध बहुत मधुर रहते है ।
गौरी शंकर रुद्राक्ष, पहने वाले व्यक्ति को सदा मुकदमों,कोर्ट कचहरी से, विवादों से बचा लेता है ।
मानसिक रोग, मिर्गी के दौरे पड़ना, बुरे स्वप्न देखना, बेवजह गुस्सा आना, स्त्रियों में अजीब सा व्यवहार, हर वक्त एक अंजाना डर बैठा रहना, बहुत ज्यादा सोचते रहना आदि समस्याओं मे गौरी शंकर रुद्राक्ष जबर्दस्त अनुकूलता प्रदान करता है ।
आध्यात्मिक साधकों के लिए यह साधना की सफलता मे सहायक होता है । साधना और साधक के बीच में सेतु के रूप मे गौरी शंकर रुद्राक्ष बहुत काम आता है । गौरीशंकर रुद्राक्ष पहनकर मंत्र जाप करने से जल्दी अनुभव और अनुकूलता मिलती है ।
यदि आप मेरे गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी द्वारा विशेष रूप से अभिमंत्रित किए गए गौरीशंकर रुद्राक्ष प्राप्त करना चाहते हों तो आप नीचे लिखे नंबर पर उनके शिष्य मुकेश जी से संपर्क कर सकते हैं :-
श्री मुकेश,
निखिलधाम,भोपाल
99266-70726
रुद्राक्ष : एक अद्भुत आध्यात्मिक फल
रुद्राक्ष दो शब्दों से मिलकर बना है रूद्र और अक्ष ।
रुद्र = शिव, अक्ष = आँख
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के आंखों से गिरे हुए आनंद के आंसुओं से रुद्राक्ष के फल की उत्पत्ति हुई थी ।
रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक पाए जाते हैं ।
रुद्राक्ष साधकों के लिए एक महत्वपूर्ण चीज है लगभग सभी साधनाओं में रुद्राक्ष की माला को स्वीकार किया जाता है एक तरह से आप इसे माला के मामले में ऑल इन वन कह सकते हैं
अगर आप तंत्र साधनाएं करते हैं या किसी की समस्या का समाधान करते हैं तो आपको रुद्राक्ष की माला अवश्य पहननी चाहिए ।
यह एक तरह की आध्यात्मिक बैटरी है जो आपके मंत्र जाप और साधना के द्वारा चार्ज होती रहती है और वह आपके इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बनाकर रखती है जो आपकी रक्षा तब भी करती है जब आप साधना से उठ जाते हैं और यह रक्षा मंडल आपके चारों तरफ दिनभर बना रहता है ।
पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे सुलभ और सस्ते होते हैं । जैसे जैसे मुख की संख्या कम होती जाती है उसकी कीमत बढ़ती जाती है । एक मुखी रुद्राक्ष सबसे दुर्लभ और सबसे महंगे रुद्राक्ष है । इसी प्रकार से पांच मुखी रुद्राक्ष के ऊपर मुख वाले रुद्राक्ष की मुख की संख्या के हिसाब से उसकी कीमत बढ़ती जाती है । 21 मुखी रुद्राक्ष भी बेहद दुर्लभ और महंगे होते हैं ।
पांच मुखी रुद्राक्ष सामान्यतः हर जगह उपलब्ध हो जाता है और आम आदमी उसे खरीद भी सकता है पहन भी सकता है । पाँच मुखी रुद्राक्ष के अंदर भी आध्यात्मिक शक्तियों को समाहित करने के गुण होते हैं ।
गृहस्थ व्यक्ति , पुरुष या स्त्री , पांच मुखी रुद्राक्ष की माला धारण कर सकते हैं और अगर एक दाना धारण करना चाहे तो भी धारण कर सकते हैं ।
रुद्राक्ष की माला से बीपी में भी अनुकूलता प्राप्त होती है
रुद्राक्ष पहनने के मामले में सबसे ज्यादा लोग नियमों की चिंता करते हैं ।
मुझे ऐसा लगता है कि जैसे भगवान शिव किसी नियम किसी सीमा के अधीन नहीं है, उसी प्रकार से उनका अंश रुद्राक्ष भी परा स्वतंत्र हैं । उनके लिए किसी प्रकार के नियमों की सीमा का बांधा जाना उचित नहीं है
रुद्राक्ष हर किसी को सूट नहीं करता यह भी एक सच्चाई है और इसका पता आपको रुद्राक्ष की माला पहनने के महीने भर के अंदर चल जाएगा । अगर रुद्राक्ष आपको स्वीकार करता है तो वह आपको अनुकूलता देगा ।
आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा आपको अपने शरीर में ज्यादा चेतना में महसूस होगी......
आप जो भी काम करने जाएंगे उसमें आपको अनुकूलता महसूस होगी ....
ऐसी स्थिति में आप रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं वह आपके लिए अनुकूल है !!!
इसके विपरीत स्थितियाँ होने से आप समझ जाइए कि आपको रुद्राक्ष की माला नहीं पहननी है ।
इसके बाद सबसे ज्यादा संशय की बात होती है कि रुद्राक्ष असली है या नहीं है । आज के युग में 100% शुद्धता की बात करना बेमानी है । ऑनलाइन में कई प्रकार के सर्टिफाइड रुद्राक्ष भी उपलब्ध है । उनमें से भी कई नकली हो सकते हैं, ऐसी स्थिति में मेरे विचार से आप किसी प्रामाणिक गुरु से या आध्यात्मिक संस्थान से रुद्राक्ष प्राप्त करें तो ज्यादा बेहतर होगा ।
तमिलनाडु में कोयंबटूर नामक स्थान पर सद्गुरु के नाम से लोकप्रिय आध्यात्मिक संत जग्गी वासुदेव जी के द्वारा ईशा फाउंडेशन नामक एक संस्था की स्थापना की गई है । जो आदियोगी अर्थात भगवान शिव के गूढ़ रहस्यों को जन जन तक पहुंचाने के लिए निरंतर गतिशील है । उनके द्वारा एक अद्भुत और संभवतः विश्व के सबसे बड़े पारद शिवलिंग की स्थापना भी की गई है । यही नहीं एक विशालकाय आदियोगी भगवान शिव की प्रतिमा का भी निर्माण किया गया है , जिसके प्रारंभ के उत्सव में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी उपस्थित थे ।
ईशा फाउंडेशन के द्वारा कुछ विशेष अवसरों पर निशुल्क प्राण प्रतिष्ठित रुद्राक्ष भी उपलब्ध कराए जाते हैं जैसा कि शिवरात्रि के अवसर पर इस वर्ष किया गया था ।
इसके अलावा रुद्राक्ष की छोटे मनको वाली और बड़े मनको वाली माला जोकि सदगुरुदेव द्वारा प्राण प्रतिष्ठित होती है, वह आप ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं । ज्यादा जानकारी के लिए आप ईशा फाउंडेशन गूगल में सर्च करके देख सकते हैं ।
उनकी वेबसाइट का एड्रेस है .